"डिजिटल इंडिया बोले तो... मोबाइल से पेमेंट करो, और फिर टैक्स की पेंच में फंसो!"
देशभर के छोटे व्यापारियों — पानवाले, ठेले वाले, सब्ज़ी वाले — के व्हाट्सऐप ग्रुप्स में हलचल है। वजह? UPI पेमेंट पर अचानक से GST नोटिस। सब्ज़ी बेचने वाले को 29 लाख रुपये का टैक्स नोटिस मिल गया क्योंकि उसने सालभर में 20 लाख से ज़्यादा का UPI ट्रांजैक्शन कर लिया। जी हां, मोबाइल से पैसे लेना आजकल महंगा पड़ रहा है!
🍅 टमाटर बेचो या ट्रैक्टर, सरकार कहे – पहले टैक्स भरो!
कई दुकानदार हैरान हैं — “अरे भैया, हमने तो सिर्फ फोन से पेमेंट लिया, ये GST कहां से आ गया?”
सरकार का जवाब साफ़ है –
> “भाई, 20 लाख से ऊपर का टर्नओवर? तो GST रजिस्ट्रेशन जरूरी है।”
पर सवाल यह है –
क्या हर UPI ट्रांजैक्शन व्यापार से जुड़ा होता है?
बेटे ने पापा को Google Pay किया, उसका भी स्क्रीनशॉट जमा करें क्या?
🔁 नकद की तरफ़ वापसी शुरू?
SBI ने चेतावनी दी है — अगर ऐसे नोटिसों की बाढ़ आई, तो छोटे व्यापारी UPI छोड़कर फिर से नकद लेनदेन की ओर लौटेंगे। मतलब?
डिजिटल इंडिया की हवा निकल सकती है।
> “पहले कहा गया - डिजिटल बनो। अब कह रहे - डिजिटल हो, तो टैक्स दो!”
🤯 नीति या पॉलिटिक्स – फंसा व्यापारी बेचारा!
अब सरकार की असली चुनौती ये है कि
टैक्स नियम लागू कैसे करें?
और छोटे व्यापारियों को भगाएं नहीं, समझाएं कैसे?
🧠 'UPI = Uniformly Punishable Individuals?'
सोचिए, एक तरफ सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रही है, दूसरी ओर उसी डिजिटल सबूत को पकड़कर टैक्स का शिकंजा कस रही है।
तो क्या अब हर दही-भल्ले वाला भी चार्टर्ड अकाउंटेंट रखेगा?
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📣 विशेष अनुरोध: अगर आप भी किसी छोटे व्यापारी को जानते हैं, जो UPI से परेशान है, तो उसे ये स्टोरी ज़रूर भेजें। अगला नोटिस कहीं आपके मोहल्ले में न पहुंचे!
📢 विकास किरण न्यूज़ — जो न दिखे, वो हम दिखाएं... टैक्स की मार हो या सरकार की चाल!
रिपोर्टर: युनुस खान "गुप्तचर"
लोकेशन: दिल्ली की गलियों से लेकर सियासत की हवाओं तक!
हर खबर में मसाला, हर लाइन में सस्पेंस – यही है विकास किरण!
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