जब कुर्सी के नीचे से ढोल निकला और पोल खुल गई! ✍️ नाथपंथी जी की आंखों देखी, दिमाग की जली और जमीर की गूंज सियासत की गलियों में आज फिर कुछ ऐसा हुआ कि लोकतंत्र ने आंख मटकाई और कहा, "कहो अब? किसका नकली वोट कहां से निकला?" जी हां, आज राहुल गांधी जी ने वो कर दिखाया जो कई मीडिया चैनल वाले TRP के चक्कर में भूल गए थे — Election Commission की कुर्सी के नीचे रखा ढोल निकालकर बजा डाला! और जैसे ही ढोल बजा — पोल खुल गई। 📜 फैक्ट दर फैक्ट, पोल खोल तमाशा शुरू! राहुल जी प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए, और आते ही जंतर-मंतर की हवा बदल गई। उनके पास सिर्फ माइक नहीं था, बल्कि लोकतंत्र की चुप्पी को तोड़ने वाला डेटा बम था। 📊 ये आंकड़े नहीं, लोकतंत्र की हत्या की चार्जशीट हैं: 100,250 वोट चोरी: लोकतंत्र की चप्पलें चोरी हो गईं! डुप्लीकेट वोटर: 11,965 (नाम वही, शक्ल वही, हर बूथ पर मौजूद) फर्जी वोटर: 40,000 (वोट नहीं, वोटिंग के भूत!) बुक वोटर: 10,452 (एक कमरे में 80-80 वोटर!) बिना फोटो वाले कार्ड: 4,132 (मतलब दिखाई...