Skip to main content

ऑपरेशन सिंदूर: संसद में सिंदूरी संग्राम!


🛑 ऑपरेशन सिंदूर: संसद में सिंदूरी संग्राम!

✍️ लेखक : युनुस खान की कलम से

जब देश की सरहद पर नहीं, संसद की सीढ़ियों पर जंग छिड़ जाए — तो समझ लीजिए कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने अपनी असली दस्तक दी है। इस बार दुश्मन सीमा पार नहीं, सीट के पार बैठा है — और हर कोई खुद को रावण मारने वाला राम समझ रहा है।

देश की संसद में इस बार "ऑपरेशन सिंदूर" को लेकर ऐसी बहस छिड़ी है, जैसे श्रीलंका में फिर से रामायण का प्रसारण हो रहा हो, और रावण की भूमिका में विपक्ष के राहुल गांधी परिणीति शिंदे और गोगोई, वानर सेना की भूमिका में सत्ता पक्ष शाह और राजनाथ सिंह और इतिहास के रचयिता तेजस्वी सूर्य और आसमान से प्रकट होते गौरे फूफा ट्रंप!

🧨 पहला अध्याय: हुंकार संसद की… पर गूंज लाहौर तक!

पहलगाम के आंसुओं की राख से जो "ऑपरेशन सिंदूर" उठा था, उसने पाकिस्तान के भीतर तक झाड़ू लगा दी हमने पहलगाम का बदला लिया! पाकिस्तान में घुस गए, सिंदूर पोत दिया, कराची को भी खांसी आ गई और लाहौर तो अब तक छींक रहा है। शाहबाज शरीफ का हुक्का पानी से बुझा दिया— ऐसा सत्ता पक्ष का दावा है। लेकिन तभी अमेरिका में बैठे गौरे फूफा ट्रंप का फ़ोन आ गया — "भतीजे, बम-धम बंद करो। हमें व्यापार करना है, युद्ध नहीं।"

ट्रंप: "मैंने ही भारत-पाक युद्ध रोका था। मोदी तो मेरे बिना चाय तक नहीं पीते! 28 बार डंके के साथ कह चुके और अब तो उन्होंने ग्लोबल मीडिया पर धीरे से फुसकारी मार दी कि पाकिस्तान ने भारत के विमान गिराये है

🛩️ दूसरा अध्याय: राफेल का पंख और विपक्ष का चश्मा

राफेल कंपनी ने पूछा — “भारत में अब कितने राफेल और ‘बच्चे’ बचे हैं?” अब यह 'बच्चे' का मतलब क्या था, यह आज तक नहीं समझ आया, लेकिन विपक्ष ने मान लिया कि कुछ गड़बड़ जरूर है और संसद में धुआं उठा दिया।

🐒 तीसरा अध्याय: रामायण का रिवर्स और महाभारत का मिक्सटेप

मोदी जी के मंत्री बोले — “हमने पहले ही बता दिया था कि हमला होगा!” अब लंका पति को हमले की सूचना देना कौन-सी रणनीति है, ये तो रावण भी नहीं समझ पाता। लगता है रामायण का रीमिक्स रिलीज हो गया है।

👶 चौथा अध्याय: राहुल बाबा, गुगल और चाणक्य की आत्मा

राहुल गांधी अब भी समझते हैं कि गूगल सब कुछ बता देगा। उन्हें कौन समझाए कि इस दौर की सरकारें इतिहास को भी ए आई से तेज बदल देती हैं।

इस दौर में अगर चाणक्य भी वापस आ जाएं, तो उन्हें सत्ता पक्ष के रणनीतिकारों से पहले ऑटोग्राफ लेना पड़ेगा, और फिर संभवतः उनसे सीखने के लिए "BJP" में ऐडमिशन भी।

🎯 अंतिम अध्याय: सीजफायर कौन करेगा?

अब सवाल ये है कि इस संसद युद्ध का “सीजफायर” कौन करेगा? ट्रंप फूफा फिर से कॉल करेंगे या देश की जनता अब “मौन व्रत” से उठकर बोलेगी?

नाथपंथी जी का निष्कर्ष: जब जंग राजनीति के मैदान में हो, तो सैनिक नहीं, टीवी एंकर और ट्विटर ट्रेंड तय करते हैं कि किसने किसको हराया।

🔴 अगली किस्त में पढ़िए:
“रक्षा मंत्री का रिमोट कौन चलाता है? राफेल से लेकर रिपोर्ट तक की रील कहानी।”


🕵️‍♂️ रिपोर्टर: युनुस खान "गुप्तचर"
📍 लोकेशन: दिल्ली की गलियों से लेकर सियासत की हवाओं तक!

हर खबर में मसाला, हर लाइन में सस्पेंस – यही है विकास किरण!

📌 लेख पसंद आया? तो शेयर कीजिए और अपने विचार हमें कमेंट में जरूर बताइए!

#vikaskirannews
#vikaskiranblog

Comments

Popular posts from this blog

भोपाल में तनाव: पत्थरबाज़ी, बयानबाज़ी और हमारी गंगा-जमुनी तहजीब

विशेष रिपोर्ट • युनुस खान विकास किरण ब्लॉग •  अरिफ नगर में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान जो विवाद शुरू हुआ, वह बहुत जल्द ही केवल एक घटनाक्रम से आगे बढ़कर शहर के राजनीतिक और सामाजिक माहौल की चर्चा बन गया। शुरुआती मीडिया कवरेज में पत्थरबाज़ी के आरोप उठे — पर अब पुलिस की जांच ने तस्वीर को बदल कर रख दिया है। पुलिस जांच — क्या मिला? स्थानीय पुलिस ने विस्तृत तफ्तीश के बाद निष्कर्ष निकाला है कि पत्थरबाज़ी के जो आरोप लगे थे, वे ठोस तौर पर साबित नहीं हुए। जांच में यह संकेत मिला कि यह मामला किसी सामुदायिक संघर्ष से ज़्यादा आपसी रंजिश और कुछ व्यक्तियों द्वारा झूठे आरोप लगाकर एक समुदाय विशेष को निशाना बनाने की कोशिश था। पुलिस ने कहा है कि अफवाह फैलाई गई और साजिश के इरादे से गलत आरोप लगाए गए। "जांच में यह स्पष्ट हुआ कि घटना की जो तस्वीर बनाई जा रही थी, वह वास्तविकता से मेल नहीं खाती।" — पुलिस सूत्र समाजसेवी मोहसिन अली खान की प्रतिक्रिया समाजसेवी मोहस...

साहब की मालदीवी मोहब्बत: ढोल, धोखा और 4,850 करोड़ का प्रेमपत्र!

साहब की मालदीवी मोहब्बत: ढोल, धोखा और 4,850 करोड़ का प्रेमपत्र! भाइयो और बहनों, देश में एक बार फिर "साहब" का दिल पसीज गया। इस बार समंदर के पार, नारियल के पेड़ों के बीच, जहां सूरज डूबते-डूबते झूठ की लाली छोड़ जाता है — मालदीव! जिस मालदीव को पिछले साल साहब ने आंखें दिखाईं थीं , जहां की रेत को देशभक्ति के नाम पर "गद्दार" कह दिया गया था, और जिसकी यात्रा पर जाने वालों को भक्तगणों ने ट्रोल की कालकोठरी में कैद कर दिया था... आज उसी मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये का लव लेटर दे डाला गया। हां, सही पढ़ा आपने — साढ़े चार हज़ार करोड़! यानी हर देशवासी की जेब से चुपके से निकला गया प्रेम-कर, जो गया मालदीव की सड़कों और मकानों में घुलने।   और ढोल बिटिया कहां थे? अरे, जो पिछली बार ट्विटर पर “Boycott Maldives” के नगाड़े पीट रहे थे, जो साहब के फोटोशूट्स के पीछे नारियल की जड़ें तक खंगाल लाए थे — वही ढोल बिटिया अब या तो मौन व्रत में हैं या पन्ना प्रभारी की तरह पोस्टर चिपका...