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कंगना रनौत का ‘7-8 दिन वर्किंग’ सांसद प्लान: राजनीति में भी एक्टिंग के स्क्रिप्ट?

 लेखक: युनुस खान विकास किरण न्यूज़ डेस्क 

स्थान: मंडी/मुंबई/मंच के बीच कहीं




🗳️ संसद में एंट्री और स्क्रिप्ट का टर्निंग पॉइंट

कभी "क्वीन" तो कभी "झांसी की रानी" बनकर रुपहले पर्दे पर राज करने वाली कंगना रनौत ने अब लोकसभा के रंगमंच पर कदम रखा है। हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बीजेपी सांसद बनीं कंगना जी ने हाल ही में एक ऐसा बयान दे दिया जिससे न केवल सोशल मीडिया बल्कि लोकसभा की कैंटीन तक में चाय में उबाल आ गया।

> 🗣️ “मुझे बीजेपी ने कहा था कि महीने में केवल 7-8 दिन ही वर्किंग होते हैं।” – कंगना रनौत, सांसद और संजीदा सिने कलाकार


🎬 राजनीति में टाइमटेबल भी फुल ड्रामा?

सुनकर लगता है जैसे संसद कोई वर्क फ्रॉम होम वाला Netflix प्रोजेक्ट है, जिसमें महीने में एक हफ्ता काम और बाकी दिन ‘मुक्त चिंतन’ के लिए छुट्टी! ट्विटर पर कुछ ने इसे "संसद-फ्लेक्स" बताया तो कुछ ने कहा – "कंगना जी, यह शो शूटिंग नहीं, संविधान की सीरियस स्क्रिप्ट है!"


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😂 जनता बोली – ‘अगर 7 दिन काम करना होता, तो हम भी सांसद होते!’

कई बेरोजगार युवाओं ने तो मज़ाक में आवेदन पत्र तैयार कर दिए:
“शैक्षणिक योग्यता: ट्विटर ज्ञान, अनुभव: व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी, अपेक्षित कार्य: 7 दिन/माह।”
कुछ ने तो HR से सीधा सवाल किया — “क्या ये नौकरी कहीं LinkedIn पर थी? हमने मिस कर दी!”


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📺 मीडिया और मिर्च-मसाला

न्यूज़ चैनलों को तो जैसे TRP का खजाना मिल गया।

एक चैनल ने हेडलाइन चलाई: “कंगना बोले, सांसद = महीना में पार्ट-टाइम!”

दूसरे चैनल पर डिबेट हो रही थी: “क्या अब संसद में भी lunch break ज़्यादा और काम कम है?”



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🤷‍♀️ तो कंगना जी क्या करेंगी बाकी दिन?

1. फिल्म स्क्रिप्ट पढ़ेंगी या संसद की ब्रीफिंग?


2. ध्यान लगाएंगी या हंगामा करेंगी?


3. मुंबई में शूटिंग या मंडी में मिटिंग?



यह तो आने वाला सत्र ही बताएगा।


🎯 निष्कर्ष:

राजनीति कोई डायलॉग डिलिवरी नहीं, यह जनता की जिम्मेदारी का मंच है।
और संसद कोई रिहर्सल रूम नहीं, यह देश की नियति का फैसला करने वाला हॉल है।

कंगना जी, हम उम्मीद करते हैं कि आप "तनु वेड्स मनु" की तरह संसद में भी सभी को चौंकाएंगी – पर स्क्रिप्ट रियल होनी चाहिए, रील नहीं।
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📢 क्या आप चाहते हैं कंगना जी अपने संसदीय दिनों की Vlog Series चलाएं?
कमेंट में बताइए – "7 दिन सांसद – 23 दिन स्टार?" कितना सही या गलत है?



रिपोर्टर: युनुस खान "गुप्तचर" 


लोकेशन: दिल्ली की गलियों से लेकर सियासत की हवाओं तक!

हर खबर में मसाला, हर लाइन में सस्पेंस – यही है विकास किरण!

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